Goverdhan puja 2024: कब है गोवेर्धन पूजा I गोवेर्धन पूजा कैसे करते है यहाँ देखिये I
गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है। इसमें भगवान कृष्ण गाय और बैलों का पूजन करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के निर्मित दीपक जलाकर अन्नकूट का प्रसाद अर्पित करते हैं। इस बार 2 नवंबर की है गोवेर्धन पूजा
गोवेर्धन पूजा से पहले जरुरी : इस पूजा को करने से पहले सभी को गोवेर्धन की कलाकिर्ती बनाना जरुरी है जो की गाय के गोवर से बनाई जनि चाइये I गोवेर्धन बनिये जाने के साथ इस बात का भी बिसेस ध्यान रखे की हमे अपने गाय , बालक और घर के सदस्य को भी बनाना चाइये क्यों की श्री कृष्ण को गाय के अत्यधिक लगाव है और गोवरधन पूजा श्री कृष्ण के द्वारा लोगो के बिच सुरु कराई गयी पूजा है और गाय के पूजन के बिना पूजा अधूरी है I जब हमारे गोवेर्धन महाराज जी की कलाकिर्ती गोवर से बन जाये साम को सही महूरत पैर अपने सारे परिवार के साथ मिल कर गोवेर्धन महाराज जी की पूजा करना चाहिए I
पूजा कैसे करे: गोवेर्धन पूजा को सभी परिवार के साथ मिल कर करना चाइये जो भी घर पर अन्नपूर्ण बनाया है उसको थाली में परोस कर लाये और सबसे पहले घर के सबसे बड़े सदस्य से पूजा की शुरुआत करे Iउसके बाद घर के सभी को एक एक कर के गोवेर्धन की पूजा करनी चाइये पूजा के बाद घर के सभी सदस्य को गोवेर्धन की परिक्रम्मा लगाना बिलकुल भी न भूले जो की गोवेर्धन की पूजा का पार्ट है इसके बिना गोवेर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है I परिवार के सभी सदस्य को सात बार गोवेर्धन की परिक्रमा लगनी चाइये और अंत में गोवेर्धन के पैर छू कर अपने घर के बड़े सभी के पैर छू कर आशीर्वाद ले और इस तरह आपकी गोवेर्धन पूजा सफलता पूर्वक संपन्न होती है I
गोवर्धन पूजा के पीछे क्या कहानी है :
मान्यता है कि इस दिन, भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था. इस दिन गोवर्धन की पूजा अर्चना करने का विधान है. इस दिन घरों में गोवर्धन की आकृति बनाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है.