Old vehicles will not get petrol 1 अप्रैल से लागू हो रहा है नया नियम, 15 साल पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

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By navalkishor454647

Old vehicles will not get petrol दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि 31 मार्च के बाद राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंपों पर 15 साल से पुराने वाहनों को पेट्रोल देना बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है।

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एक अप्रैल से पेट्रोल पंपों पर उन वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा जिनकी लाइफ खत्म हो चुकी है। इसके दायरे में ज्यादातर पेट्रोल वाहन आएंगे। सिरसा ने कहा कि एक अप्रैल से पेट्रोल पंपों पर उन वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा जिनकी लाइफ खत्म हो चुकी है। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर विशेष उपकरण लगाए जा रहे हैं।

80 फीसदी पेट्रोल पंपों पर यह लग भी चुके हैं। बाकी पर एक अप्रैल से पहले लग जाएंगे। पेट्रोलियम मंत्रालय की मदद से सभी पेट्रोल पंपों तक यह जानकारी पहुंचाई जा रही है। साथ ही टीमें भी बनाई जा रही हैं, जो ऐसे वाहनों की पहचान कर उन्हें दिल्ली से बाहर करेंगी।

Old vehicles will not get petrol
Old vehicles will not get petrol

निर्देश के मुताबिक सभी ऊंची इमारतों में एंटी स्मॉग गन लगानी होगी। अगले तीन-चार महीने हमारे लिए बहुत कुछ दांव पर लगे हैं। हम इसके लिए तैयारी करेंगे, ताकि जब प्रदूषण ज्यादा हो तो क्लाउड सीडिंग के जरिए उसे कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछली दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कुछ नहीं किया। केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए फंड का भी इस्तेमाल नहीं किया गया। सिरसा ने कहा कि दिसंबर 2025 तक दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की करीब 90 फीसदी सीएनजी बसें हटा दी जाएंगी।

उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। उन्होंने कहा कि जब हम दिल्ली से प्रदूषण कम करेंगे, तभी हम दूसरे राज्यों से भी कह सकते हैं कि वे भी अपने राज्यों में प्रदूषण कम करें। दिल्ली का अपना प्रदूषण करीब 50 फीसदी से ज्यादा है।

Old vehicles will not get petrol अपनी पुरानी कार को सिर्फ एक महीने और चलायें

वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है। एक अप्रैल 2025 से राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंप 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल पंप से पेट्रोल नहीं भर सकेंगे। इस फैसले की घोषणा करते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सियामिया ने कहा कि सभी पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगाए जाएं जो पुरानी दिल्ली की पहचान कर सकें। दिल्ली में करीब 500 पेट्रोल पंप हैं, जहां यह नई व्यवस्था लागू होगी।

सरकार का दावा है कि राजधानी में करीब 55 लाख पुराने वाहन हैं, जिनमें 66 फीसदी दोपहिया और 54 फीसदी चार पहिया वाहन हैं। इन वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का बड़ा कारण माना जाता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पेट्रोल पंपों पर विशेष उपकरण लगाए जाएंगे, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान कर उन्हें ईंधन भरने से रोकेंगे।

इसके अलावा सरकार जल्द ही इस फैसले से पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को अवगत कराएगी, जो इस संबंध में पेट्रोल पंप मालिकों को आधिकारिक निर्देश जारी करेगा। राजधानी के कई पेट्रोल पंपों पर पहले से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित कैमरे लगाए गए हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहनों की पहचान करते हैं। अब सरकार इन कैमरों को अपग्रेड करने के साथ ही वाहन की उम्र की भी पहचान करने की योजना बना रही है।

Old vehicles will not get petrol  एआई तकनीक के जरिए 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों की पहचान कर ईंधन की बिक्री बंद की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार विशेष टीमें बनाएगी, जो ऐसे वाहनों पर नजर रखेगी और उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने या सड़कों पर चलने से रोकेगी। सरकार का यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा 2014 में जारी निर्देशों के अनुरूप है, जिसमें पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़े रहने पर भी रोक लगाई गई थी।

दिल्ली सरकार सिर्फ निजी वाहनों पर ही नहीं बल्कि सार्वजनिक परिवहन पर भी सख्ती बरत रही है। दिसंबर 2025 तक राजधानी में चल रही 90 फीसदी सीएनजी बसों को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। दिल्ली सरकार साल 2026 तक 11,000 नई बसें खरीदेगी, जिनमें से 8,000 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। सरकार ने बताया कि सितंबर 2025 तक 3,680 इलेक्ट्रिक बसें खरीद ली जाएंगी। इस समय दिल्ली की सड़कों पर कुल 7,600 बसें चल रही हैं, जिनमें 2,002 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं।

दिल्ली में वायु प्रदूषण से मिलेगी राहत? सरकार का मानना ​​है कि पुराने वाहनों पर रोक लगाने और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम होगा। यह कदम वायु गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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