The glory of the great Kumbh on the sailor 45 दिन में कमाए 30 करोड़, ये कुंभ नहीं बल्कि संकट मोचन था, सीएम योगी ने खुद की तारीफ

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By navalkishor454647

The glory of the great Kumbh on the sailor महाकुंभ खत्म हो चुका है। अब महाकुंभ से प्रदेश और जिले को हुए फायदे का आकलन सामने आने लगा है। इसी कड़ी में प्रयागराज का एक नाविक सुर्खियों में है। सीएम योगी ने इस नाविक की सदन में तारीफ भी की है। सीएम ने सदन में कहा कि इस नाविक ने महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ की कमाई की है। इस नाविक के लिए यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। अब यह बात सामने आई है कि उसने 30 करोड़ यूं ही नहीं कमाए, इसके लिए उसने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था।

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उसने अपनी पत्नी और मां के जेवर गिरवी रखकर 130 नावें खरीदी थीं। उसे पहले ही अंदाजा हो गया था कि इस बार का महाकुंभ सबसे बड़ा होगा। उसका अंदाजा सही निकला और वह महज 45 दिन में करोड़पति बन गया। कौन है 30 करोड़ कमाने वाला नाविक: महाकुंभ में नावों के जरिए 30 करोड़ कमाने वाले नाविक का नाम पिंटू महरा है। प्रयागराज में त्रिवेणी के किनारे अरैल गांव के रहने वाले पिंटू महरा के एक फैसले ने पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी। महाकुंभ खत्म हुआ तो पिंटू करोड़पतियों की श्रेणी में शामिल हो गए।

 

The glory of the great Kumbh on the sailor
 The glory of the great Kumbh on the sailor

पिंटू महरा बताते हैं कि उन्होंने 2019 में योगी सरकार के दिव्य और भव्य कुंभ में नाव चलाई थी। उन्होंने उस कुंभ से ही अंदाजा लगा लिया था कि इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आने वाली है, इसलिए महाकुंभ से पहले उन्होंने अपने पूरे परिवार के लिए 70 नावें खरीदीं। बाकी सामान्य नावें थीं, जिनमें चार मोटरबोट थीं। 100 से ज्यादा सदस्यों वाले उनके परिवार के पास पहले से ही 60 नावें थीं। इन 130 नावों को उन्होंने इस तरह महाकुंभ में उतारा। महरा परिवार की 130 नावों के बेड़े ने 45 दिन के अंदर 30 करोड़ रुपये कमाने का रिकॉर्ड बनाया।

हम तो तैयार नहीं थे, लेकिन पिंटू को भरोसा था कि इस बार भारी भीड़ आएगी और कमाई भी होगी। इसके बाद हमने अपनी पूरी पूंजी लगा दी और जेवर गिरवी रखकर 70 और नावें खरीद लीं। हमारे परिवार के पास पहले से 60 नावें थीं। अब पिंटू ने अपने फैसले को सही साबित करते हुए पूरे परिवार की अर्थव्यवस्था बदल दी है। नौका विहार के कारोबार की नींव उनके पिता बच्चा जी ने रखी थी। पिंटू के बड़े भाई प्रदीप महरा पार्षद हैं। महरा परिवार में 100 सदस्य हैं। 45 दिन की कमाई : एक अनुमान के मुताबिक पिंटू के पास कुल 130 नावें हैं।

The glory of the great Kumbh on the sailor अपनी प्रत्येक नाव से उन्होंने करीब 23 लाख रुपये की कमाई की। कुल मिलाकर महाकुंभ के दौरान उन्होंने एक नाव से रोजाना 50 से 52 हजार रुपये की कमाई की। इस लिहाज से उन्होंने कुल 30 करोड़ रुपये की कमाई की। शायद यही वजह रही कि सीएम योगी ने भरे सदन में इस नाविक की उपलब्धि की चर्चा की नावें काफी दूर से संचालित होती थीं, लोग 15-20 किमी की दूरी पैदल तय नहीं करना चाहते थे, शायद यही वजह थी कि उन्होंने नावों का रुख किया। नाविकों ने भी संगम तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगाया। इससे खुश होकर कई श्रद्धालुओं ने नाविकों को किराए के साथ उपहार भी दिए। मां की आंखें भर आईं : एक चैनल को दिए इंटरव्यू में पिंटू महरा की मां शुक्लावती ने कहा कि गंगा मैया ने इस बार बहुत कुछ दिया।

मैंने अपने बेटे से वचन लिया है कि अगर किसी के पास पैसे नहीं भी हों तो उसे नाव से गंगा स्नान कराने जरूर ले जाऊं। बात करते-करते उनकी आंखें भर आईं। वह इसे महाकुंभ और गंगा मैया की कृपा बता रही हैं। साथ ही सरकार के प्रति आभार भी जता रही हैं। प्रभावशाली है प्रयागराज का महरा परिवार : महरा परिवार प्रयागराज का प्रभावशाली परिवार है। यह परिवार नाव संचालन के साथ ही संगम की रेती पर सब्जी की खेती के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यह परिवार सरकारी ठेकेदारी भी करता है। एक अनुमान के मुताबिक इस परिवार के पास 500 से अधिक नावें हैं।

The glory of the great Kumbh on the sailor पिंटू महरा की मां हैं बिजली विभाग की बड़ी ठेकेदार

शायद ही किसी परिवार के पास इतनी बड़ी संख्या में नावें होंगी। पिंटू महरा की मां शुक्लावती देवी बिजली विभाग की रजिस्टर्ड ठेकेदार हैं। उन्हें महाकुंभ में 2 करोड़ रुपये का काम भी मिला था। अगर हैसियत की बात करें तो महरा परिवार की हैसियत करोड़ों में है। अरैल और नैनी इलाके में इनका दो मंजिला आलीशान मकान है। शुक्लावती देवी आगे के हिस्से में और पिंटू महरा पीछे के हिस्से में सुरक्षाकर्मियों के साथ रहते हैं। इससे पहले भी ये बिजली विभाग में करोड़ों रुपये का काम करा चुके हैं। शुक्लावती अपने परिवार के साथ रहती हैं और उनके घर 5 से ज्यादा लोगों की हत्या हो चुकी है। बेटे की हत्या के मामले में धमकियों से उन्हें चुप करा दिया गया था, लेकिन अब वो योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस केस को फिर से खुलवाना चाहती हैं।

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